गूगल और इजरायल के बीच हुए एक समझौते पर बहस चल रही है। इस समझौते के अंतर्गत, गूगल इजरायल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्लाउड सेवाएं प्रदान करेगा। लेकिन इस समझौते के खिलाफ, 28 कर्मचारियों को कंपनी से निकाल दिया गया।
इसकी मुख्य वजह है ‘नो टेक फॉर एपार्थेइड’ नामक संगठन का विरोध। इन कर्मचारियों का मानना है कि इजरायल फिलिस्तीन के साथ दशकों से चल रहे संघर्ष में फिलिस्तीनियों के लिए दमनकारी नीतियां अपनाता रहा है। इस समझौते के माध्यम से गूगल का सहयोग देने से फिलिस्तीनियों के मानवाधिकारों के हनन का खतरा है।
गूगल का कहना है कि कंपनी कर्मचारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करती है, लेकिन कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करने पर उचित कार्रवाई भी करती है। गूगल ने इन कर्मचारियों के निकाले जाने के कारण का स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
भविष्य में, गूगल और इजरायल के बीच समझौते पर अब भी बहस जारी रहेगी। क्या गूगल इस परियोजना को आगे बढ़ाएगा या कर्मचारियों की आपत्ति को ध्यान में रखते हुए कोई बदलाव करेगा, यह देखना बाकी है। साथ ही, इस घटना से टेक कंपनियों और सरकारों के बीच होने वाले समझौतों की जवाबदेही पर सवाल उठेंगे।”